पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤µà¤° जब थे कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• पूरà¥à¤£ सागर के रूप में तब सनॠ1982 में आप विराजे थे परà¤à¤£à¥€ (महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°) में कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी शौच के लिठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ जाते थे गाà¤à¤µ के बाहर, जहाठसे निकलकर जाना होता था वहाठसरकारी मकान (Government Quarters) बने थे उनमें रहने वाला à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ विदेशी कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ पालता था, उन कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ बड़ा ही खूंखार और डरावना , इतनी तेज आवाज में à¤à¥Œà¤‚कता कि सà¤à¥€ डरते थे, पà¥à¤°à¤¾à¤¯: वह जंजीर से बà¤à¤§à¤¾ रहता था।
à¤à¤• दिन कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी दो-तीन लड़कों के साथ शौच हेतॠजा रहे थे, तà¤à¥€ किसी ने उस कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ को खोल दिया फिर कà¥à¤¯à¤¾ था वह तेजी से दौड़कर पीछे आने लगा, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने पतà¥à¤¥à¤° मारकर उसे à¤à¤—ाना चाहा परनà¥à¤¤à¥ वह दौड़ा आ रहा था कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के पीछे, सब लड़के तो à¤à¤¾à¤—कर दूर खड़े हो गये कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी ने सोचा अब तो वह समीप आ ही गया है अत: à¤à¤¾à¤—ने से कà¥à¤¯à¤¾ फायदा, अब तो जो होगा देखा जायेगा, निरà¥à¤à¤¯ कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी कारà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤°à¥à¤— पूरà¥à¤µà¤• णमोकार मंतà¥à¤° का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ खड़े हो गये, पर आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने वाली घटना घटी कि कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के शरीर से निःसृत पवितà¥à¤° आà¤à¤¾à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो वह कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤•à¤¦à¤® शानà¥à¤¤ हो गया और पालतू कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की तरह पूंछ हिलाने लगा और कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के पैर के पास उछल-कूद करने लगा, मानो कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी का पूरà¥à¤µ से ही परिचित हो और उनके साथ खेलने हेतॠही आया हो।
यह था कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी का शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सहित णमोकार मंतà¥à¤° पढ़ने का तथा पवितà¥à¤° आà¤à¤¾à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ, जिससे खूंखार पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ à¤à¥€ शांत चितà¥à¤¤ हो गया।
गà¥à¤°à¥ जीवन (मम) जीवंत आदरà¥à¤¶,
शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं - घटनाओं का सरà¥à¤— ।
मेरे जीवन का यही विमरà¥à¤¶,
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को कराऊठउनका दरà¥à¤¶ ।।
( घटनायें , ये जीवन की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से लिठगठअंश )