जो संयम के पथ पर अगà¥à¤°à¤¸à¤° होते हैं तो नियम से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं के दौर से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ ही पड़ता है, बात है सनॠ1982 की जब अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हेतॠअलà¥à¤ªà¤µà¤¯à¥€ कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• पूरà¥à¤£ सागर जी विराजे थे कारंजा नगर में, तà¤à¥€ करà¥à¤® रà¥à¤ªà¥€ पिशाच ने कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के संयम की परीकà¥à¤·à¤¾ हेतॠआकà¥à¤°à¤®à¤£ किया, और तपेदिक बनकर छोटे कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के शरीर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया, परिणाम सà¥à¤µà¤°à¥‚प कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी की हालत नाजà¥à¤• हो गई, शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤• जन à¤à¥€ घबरा गये कि अब कà¥à¤¯à¤¾ होगा? सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ दिन-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ गिरा ही जा रहा था फलसà¥à¤µà¤°à¥à¤ª शरीर कà¥à¤·à¥€à¤£ हो गया और इतना कà¥à¤·à¥€à¤£ होट गया कि कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी न तो उठ-बैठपाते, न ही आहार होता और न ही निदà¥à¤°à¤¾ आती, साथ ही चकà¥à¤•à¤° à¤à¥€ आने लगे। पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ लोगों की आà¤à¤–ों से आà¤à¤¸à¥‚ आ जाते कि इतनी छोटी उमà¥à¤°, इतनी कठिन तपसà¥à¤¯à¤¾ और ऊपर से बीमारी, परंतॠकà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी अपनी साधना में तलà¥à¤²à¥€à¤¨ रहते।
कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ लगी रहती हितैषियों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ कोई कहता रोग असाधà¥à¤¯ है, यदि उसका उपचार न किया गया तो बड़ा रà¥à¤ª ले सकता है अत: उचित इलाज करवा लें, आगà¥à¤°à¤¹ किया गया अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ दवाइयों के सेवन का। कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी की दृढ़ता से अनजान लोगों ने कहा कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ दवा यदि आप लेंगे तो à¤à¤• ही महीने में आराम हो जायेगा तथा देशी दवाई से 1 वरà¥à¤· लगेगा। अतः अà¤à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾ छेद कर इलाज करवा लें पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ दीकà¥à¤·à¤¾ लेकर पà¥à¤¨à¤ƒ संयम साधना में ततà¥à¤ªà¤° हो जाना। कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी इन मरà¥à¤® à¤à¥‡à¤¦à¥€ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¨ फटकारते हà¥à¤ बोले आप लोग मà¥à¤à¥‡ संयम से गिराना चाहते हैं, आपको तो चाहिठथा कि मà¥à¤à¥‡ साहस देते, संबल देते, सतà¥à¤¯ ही है असंयमी कà¥à¤¯à¤¾ जाने संयम की कीमत, उसकी दà¥à¤°à¥à¤²à¤à¤¤à¤¾à¥¤ और कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी पहà¥à¤à¤š गये चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤à¥ à¤à¤—वान की शरण में, तथा पà¥à¤°à¤à¥ की चरण सनà¥à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ में अपनी दृढ़ संकलà¥à¤ª शकà¥à¤¤à¤¿ का परिचय देते हà¥à¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾ की कि यदि मैं सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हो गया तो जैनेशà¥à¤µà¤°à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾ लà¤à¤—ा अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ समाधि मरण करूà¤à¤—ा । परंतॠसंयम मारà¥à¤— से कà¤à¥€ चलायमान नहीं होऊà¤à¤—ा।
कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾ को देख हतपà¥à¤°à¤ था सारा कारंजा कि धनà¥à¤¯ है इनकी दृढ़ता, इनकी संकलà¥à¤ª शकà¥à¤¤à¤¿ । अतः शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ ने देशी दवाइयों आदि के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¶à¥à¤°à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकी। निरà¥à¤®à¤²à¤¾ ताई à¤à¤• माठकी तरह कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी की सेवा में संलगà¥à¤¨ रहती। फिर कà¥à¤¯à¤¾ था वà¥à¤°à¤¤à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दृढ़ता रà¥à¤ª à¤à¤¾à¤µ, à¤à¤—वान के नाम मंतà¥à¤° की जाप, गà¥à¤°à¥ का आशीष तथा हितैषी लोगों की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं व सेवा का इतना शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ हà¥à¤† कि करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को छोटे कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी के समकà¥à¤· अपने घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ टेकने पड़े, चले थे परीकà¥à¤·à¤¾ लेने, कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी को संयम से डिगाने परनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी की दृढ़ संकलà¥à¤ª शकà¥à¤¤à¤¿ रà¥à¤ªà¥€ देवी के डर से करà¥à¤® रà¥à¤ªà¥€ पिशाच वहाठसे शीघà¥à¤° ही नौ दो गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ हो गया। और 6 माह में ही सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हो गये कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी।
गà¥à¤°à¥ जीवन (मम) जीवंत आदरà¥à¤¶,
शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं - घटनाओं का सरà¥à¤— ।
मेरे जीवन का यही विमरà¥à¤¶,
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को कराऊठउनका दरà¥à¤¶ ।।
( घटनायें , ये जीवन की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से लिठगठअंश )