यह घटना है सनॠ1981 की, जब कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• पूरà¥à¤£ सागर जी विहार कर रहे थे अपने गà¥à¤°à¥à¤µà¤° तपसà¥à¤µà¥€ समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ प. पू. आचारà¥à¤¯ सनà¥à¤®à¤¤à¤¿ सागर जी के साथ, पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤µà¤° ने विहार पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया और चलते-चलते à¤à¤• कि.मी. दूर निकल गà¤, पीछे मà¥à¤¡à¤¼à¤•à¤° देखा तो कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी गायब, अरे कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• पूरà¥à¤£ सागर कहाठरह गया, गà¥à¤°à¥à¤µà¤° ने कà¥à¤› लोगों को पीछे à¤à¥‡à¤œà¤¾ कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी को देखने, तो लोगों ने देखा कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• पूरà¥à¤£ सागर जी तो à¤à¤• वृदà¥à¤§ कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• रवि सागर जी को डोली में बिठा रहे हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे पैदल चलने में असमरà¥à¤¥ थे कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी वृदà¥à¤§ सेवा पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ थे उनका विचार था कि आज के समय में वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की सेवा कोई नहीं करना चाहता है इसलिये वे ही धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रख लेते थे उनकी उसी वृदà¥à¤§ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ ने अनेक वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ को मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पथ पर लगाया दीकà¥à¤·à¤¾ दी तथा आज à¤à¥€ वृदà¥à¤§ सेवा में संलगà¥à¤¨ हैं।
आचारà¥à¤¯ बनने के उपरानà¥à¤¤ जब गà¥à¤°à¥à¤µà¤° ने वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ को दीकà¥à¤·à¤¾ देना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया तब à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने आकर कहा- आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€! आप वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ को दीकà¥à¤·à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ देते हैं? वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का अधिक धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना पड़ता है तथा परेशानी à¤à¥€ होती है, तब पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤µà¤° ने सहज à¤à¤¾à¤µ से कहा वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की सेवा साधॠजीवन में अनेक उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है, उनके साथ उठने-बैठने से हमें जीवन के बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ अनà¥à¤à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं, जिससे वैरागà¥à¤¯ और संयम दृढ़ होता है, वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के साथ सदा धरà¥à¤® धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की वृदà¥à¤§à¤¿ ही होती है वे à¤à¤•-à¤à¤• समय की कीमत समà¤à¤¤à¥‡ हैं, कà¥à¤› न कà¥à¤› सà¥à¤¨à¤¨à¥‡-पढ़ने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रखते हैं जिससे हमारा विषय à¤à¥€ Complete (पूरà¥à¤£) होता है तथा उनके समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• से विनय, नमà¥à¤°à¤¤à¤¾ आदि गà¥à¤£ सहजता में ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाते हैं। साथ ही मोकà¥à¤·à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का पथ है और आतà¥à¤®-कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का अधिकार सबको समान है चाहे वह बाल हो या वृदà¥à¤§ । संसार रà¥à¤ªà¥€ कीचड़ से निकलकर जो आतà¥à¤® कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रखते हैं उनका वैरागà¥à¤¯ यौवनावसà¥à¤¥à¤¾ वाले से अधिक गाढ़ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिसने कीचड़ में पैर ही नहीं दिया उसका निकलना आसान है परनà¥à¤¤à¥ कीचड़ में लिपà¥à¤¤ होने के बाद निकलना कठिन है। मà¥à¤à¥‡ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की सेवा से संवर व निरà¥à¤œà¤°à¤¾ अधिक होती है। अत: हमें à¤à¤¸à¥‡ वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की उपेकà¥à¤·à¤¾ नहीं अपितॠमोकà¥à¤·à¤ªà¤¥ पर बढ़ने वाले वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤
आज आपकी यही वृदà¥à¤§ सेवा की कामना विराट रà¥à¤ª ले चà¥à¤•à¥€ है। अत: आप अनेकों वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की लाठी का सहारा हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संयम पर चलाने में अटूट संबल पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ हैं । बालकों के साथ-साथ वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के à¤à¥€ चहेते हैं।
सà¥à¤¬à¤¹ नहीं तो शाम करके देखो,
किया नहीं वो काम करके देखो।
सà¥à¤•à¥‚न मिलेगा तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ गà¥à¤°à¥ चरणों में,
जिंदगी गà¥à¤°à¥ के नाम करके देखो।
गà¥à¤°à¥ जीवन (मम) जीवंत आदरà¥à¤¶,
शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं - घटनाओं का सरà¥à¤— ।