1980 में दीकà¥à¤·à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ बà¥à¤¢à¤¾à¤° से अकलतरा के विहार में अचानक मारà¥à¤— के अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ के रासà¥à¤¤à¥‡ में लगà¤à¤— 50 कदम की दूरी पर, समà¥à¤®à¥à¤– ही पांच जंगली à¤à¥ˆà¤‚से दौड़े आ रहे थे, चूà¤à¤•ि कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी ने पà¥à¤°à¤¥à¤® बार देखा था तो पालतू à¤à¥ˆà¤‚से ही समठरहे थे, पर पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ की पैनीदृषà¥à¤Ÿà¤¿ ने उनकी आंखों से पढ़ लिया कि ये जंगली à¤à¥ˆà¤‚से है अत: उसी समय कहा- पूरà¥à¤£à¤¸à¤¾à¤—र नियम सलà¥à¤²à¥‡à¤–ना का वà¥à¤°à¤¤ लो तो à¤à¥‹à¤²à¥‡-à¤à¤¾à¤²à¥‡ कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी ने कहा यह कà¥à¤¯à¤¾ होता है तो पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ ने कहा- चारों पà¥à¤°à¤•ार का आहार का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर दो, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा ठीक तथा धैरà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का पाठ-सिखाते हà¥à¤ कहा- घबराना नहीं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी नठदीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ थे, पर वे तो अपूरà¥à¤µ साहसी थे। पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ ने कहा- आतà¥à¤®à¤¾, धरà¥à¤® की उतà¥à¤¤à¤® शरण लो, णमोकार का जाप करते चलो, यही आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• वीरता- पराकà¥à¤°à¤® के कà¥à¤·à¤£ है तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा- हम वीर, मारà¥à¤— से पीछे नहीं हटते। जो à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ था वह à¤à¥€ अपनी साइकिल से पीछे के पीछे खिसक गया । à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ था उसने कहा आप लोग पेड़ पर चढ़ जाओ । और बड़ा आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ कहें, पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ की तपसà¥à¤¯à¤¾ का, पà¥à¤£à¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª की वे à¤à¥ˆà¤‚से चौकड़ी दौड़ से रोड से नीचे उतरकर संघ की ओर देख रहे थे। पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ ने पà¥à¤¨à¤ƒ सावधान किया की ये पीछे से à¤à¥€ वार कर सकते हैं। पर वे तो जंगल की ओर बढ़ते गठपर रà¥à¤•-रà¥à¤• कर पीछे मà¥à¤¡à¤¼à¤•र देखते रहे। तà¤à¥€ से कà¥à¤·à¥à¤²à¥à¤²à¤• जी को à¤à¤• नया पाठअपने पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤µà¤° से मिला की संघरà¥à¤·-विपतà¥à¤¤à¤¿ में घबराना नहीं चाहिठ। वीरता से सामना करना चाहिठ। उनका यह पाठउनà¥à¤¹à¥‡ आज तक याद है वे हमेशा विपतà¥à¤¤à¤¿ में उसे याद रखते हैं।
गà¥à¤°à¥ जीवन (मम) जीवंत आदरà¥à¤¶,
शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं - घटनाओं का सरà¥à¤— ।
मेरे जीवन का यही विमरà¥à¤¶,
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को कराऊठउनका दरà¥à¤¶ ।।
( घटनायें , ये जीवन की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से लिठगठअंश )