पूजन
परम पूज्य आचार्य शिरोमणि, विराग सागर जी गुरुवर ।
बालयति अरु स्याद्वाद जो, प्रज्ञा जिनकी बड़ी प्रखर ।।
अपने ज्ञान ध्यान तप बल से, भव्यों का तम करे हनन ।
ऐसे गुरु का अर्चन करके, आह्वानन कर करे नमन ।।
ॐ हूं परम पूज्य गणाचार्य गुरुदेव भगवंत 108 श्री विराग सागर जी महाराज यतिवर अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वानन ।
ॐ हूं परम पूज्य गणाचार्य गुरुदेव भगवंत 108 श्री विराग सागर जी महाराज यतिवर अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम्।
ॐ हूं परम पूज्य गणाचार्य गुरुदेव भगवंत 108 श्री विराग सागर जी महाराज यतिवर अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधिकरणम् ।
भव तपो से तपा हुआ हूँ , तुम चरणों में शांति मिले ।
क्रोध लोभ मद मान अरु मत्सर, गुरु भक्ति में शीर्घ धुले ।।
भक्ति भाव का निर्मल जल ले , गुरु चरणों में धार करूँ ।
परम पूज्य आचार्य शिरोमणि विराग सिंधु जी को नमन करूँ ।।
ॐ हूं परम पूज्य युग प्रतिक्रमण प्रर्वतक गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज यतिवरेभ्यो जन्म-जरा-मृत्यु विनाशनाय जलं निर्वपामीति स्वाहा ।